कीटनाशक बनाने वाली कंपनी के कारखाने से
मिथाइल आइसोसायनाइड( M.I.C) नामक जहरीली
गैस के रिसाव के कारण लगभग 15,000 से अधिक
लोगों की जान चली गई तथा बहुत से आदमी अनेकों
तरह की शारीरिक अपंगता तथा अंधेपन के शिकार हो
गए इसे हम भोपाल गैस त्रासदी करते हैं।
इस गैस त्रासदी से अधिक तौर पर मरने वालों की
संख्या 2259 थी मध्य प्रदेश की तत्कालीन सरकार
ने 3787 लोगों की जहरीली गैस के रिसाव से मरने
की पुष्टि की थी इसमें 8000 लोगों की मौत तो 2
सप्ताह के भीतर हो गई थी और लगभग 8000
लोगों की मौत जहरीली गैस के रिसाव के कारण
उससे संबंधित बीमारियों से मारे गए थे।
2006 में सरकार के द्वारा दाखिल एक शपथ
पत्र में यह माना गया था कि गैस के हिसाब से
करीब 558125 सीधे सीधे तौर पर प्रभावित हुए।
और आंशिक तौर पर प्रवाहित होने वाले की संख्या लगभग 38478 थी 3900 तो बुरी तरह से प्रभावित हुए। और आंशिक तौर पर पारित होने वालों की संख्या लगभग 38478 थी 3900 लोग तो काफी बुरी तरह अपंगता के शिकार हो गए!
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